कोदो वर्च केलाटी कराडाखच कथा५ मा सुरक्षित नहीं है खदानें

सिंगरौली-- एनसीएल प्रबंधन द्वारा खदानों के सरक्षा का पख्ता इंतजाम करने के लिये परियोजनाओं में लगभग 1630 रिटायर्ड फौजी की तैनाती डीजीआर गाइड लाइन के अनुसार की गई है।जिस पर प्रति माह लगभग 7 करो? रुपये की राशि प्रबंधन द्वारा खर्च किया जा रहा है।इसके बावजूद भी कोयला खदानें सरक्षित नही हैं।आए दिन चोरो ने खदान में धावा बोलकर चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे है।डीजल कबा? माफिया के मट्टी भर लोग लगभग 250 विभागीय सुरक्षा कर्मी व 1630 निजी सुरक्षाकर्मियों को चुनौती देते हुये उनपर भारी प? रहे है ।बतादे कि सार्वजनिक उपक्रम के रूप में संचालित एनसीएल की खदानों में शरू से ही सीकेडी माफियाओ का आतंक बना हआ है।पर्व में होने वाली चोरी की वारदातों पर अंकश लगाने प्रबंधन की ओर से विभागीय सुरक्षाकर्मियों का सहारा लिया गया। इसके बाद निजी हाथों को भी सरक्षा की कमान सौंपी गई लेकिन फिर भी चोरी की घटनाओं में अंकश नहीं लग पाना सुरक्षा बिभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर सवालिया निशान खा करता है। सुरक्षा से ज? अधिकारियों की माने तो शुरूआती दौर में अंदाज लगाया गया था की खदानों में एक्स फौजी जवानों की तैनाती से चोरी पर अंकुश लगाया जा सकता है।लेकिन हआ इसका ठीक उल्टा ऐसी कोई भी बात सामने नहीं आ सकी है जिससे इन पर गर्व किया जा सके। परियोजना के ही बिश्वत सत्रों से मिली जानकारी के अनसार एनसीएल के बीना. ककरी. खडिया, दधिचआ. झिगरदह. गोरबी ब्लॉक बी परियोजना के कोयला खदानों में इस समय ताबडतोड चोरिया हो रही। प्रतिदिन लाखों रुपये का डीजल व कबा? निजी सुरक्षा एजेंसियों के मार्फत सीकेडी माफियाओ के अड्डे तक पहुँच रहा है खदानों में हो रही निरन्तर डीजल व कबा? की चोरी से एनसीएल को करोटी रूपये का चुना लग रहा है ।इसके बावजूद भी एनसीएल प्रबन्धन गंभीर नही है।